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PM Narendra Modi की सेल्फी ने जनजातीय गौरव को दिया नया मुकाम, जानिए खास तस्वीर की कहानी

PM Narendra Modi ने शुक्रवार को बिहार के जमुई जिले में भारतीय जनजातीय समुदाय के गौरव और विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं का उद्घाटन किया। यह आयोजन जनजातीय नेता बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर हुआ, जिनकी वीरता और संघर्ष ने भारतीय जनजातीय समाज को एक नई पहचान दी। इस दिन प्रधानमंत्री मोदी ने 6,640 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की नींव रखी और जनजातीय समाज के लिए अपनी सरकार के समर्पण का संदेश दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने जमुई में एक प्रदर्शनी का दौरा किया और वहां एक खास सेल्फी ली, जो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

प्रधानमंत्री की ‘स्पेशल सेल्फी’

प्रधानमंत्री मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर जमुई में आयोजित प्रदर्शनी में हिस्सा लिया, जहां भारतीय जनजातीय समुदाय से संबंधित विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी लगी थी। इस दौरान पीएम मोदी ने एक ‘स्पेशल सेल्फी’ ली, जो इस समय चर्चा का विषय बनी हुई है। इस सेल्फी में पीएम मोदी के साथ दो अन्य लोग भी दिखाई दे रहे हैं, जो तमिलनाडु के अरियालुर जिले के रहने वाले हैं और इरुला जनजाति से ताल्लुक रखते हैं। इनका नाम धर्मदुराई और एझिलराजी है।


PM Narendra Modi की सेल्फी ने जनजातीय गौरव को दिया नया मुकाम, जानिए खास तस्वीर की कहानी

धर्मदुराई और एझिलराजी ने पीएम मोदी से सेल्फी लेने का अनुरोध किया, जिसे प्रधानमंत्री ने खुशी-खुशी स्वीकार किया। पीएम मोदी के साथ यह तस्वीर दोनों व्यक्तियों के लिए एक यादगार पल बन गई, और वे इस अनुभव से काफी खुश दिखाई दिए। इस तस्वीर में प्रधानमंत्री मोदी की मुस्कान और उनके सहज व्यवहार ने इसे और भी खास बना दिया है। यह सेल्फी केवल एक तस्वीर नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री के जनजातीय समाज के प्रति सम्मान और जुड़ाव का प्रतीक बन गई है।

प्रधानमंत्री मोदी का कांग्रेस पर कटाक्ष

प्रधानमंत्री मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर कांग्रेस पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने जनजातीय समुदाय के लिए ‘शिक्षा, आय और चिकित्सा’ को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। पीएम मोदी ने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने जनजातीय कल्याण के लिए एक अलग मंत्रालय भी बनाया है और इसके बजट को 25,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.25 लाख करोड़ रुपये कर दिया है।

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर देश को एक परिवार के कारण स्वतंत्रता मिली होती, तो बिरसा मुंडा ने ‘उलगुलान’ आंदोलन क्यों शुरू किया था? उन्होंने यह भी कहा कि कई जनजातीय नेताओं ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, लेकिन पूर्व की सरकारों ने कभी भी जनजातीय समाज की भलाई के लिए काम नहीं किया। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार जनजातीय समाज के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है और उन्होंने हमेशा उनके अधिकारों की रक्षा की है।

जनजातीय गौरव का महत्व

प्रधानमंत्री मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस के महत्व को समझाते हुए कहा कि यह दिन भारतीय जनजातीय समाज की संस्कृति, परंपराओं और संघर्षों को सम्मानित करने का अवसर है। उनका मानना है कि भारतीय जनजातीय समुदाय ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में अभिन्न योगदान दिया है, जिसे कभी भी भुलाया नहीं जाना चाहिए।

इस दिन को मनाने का उद्देश्य केवल जनजातीय समाज के संघर्षों और साहस को सम्मानित करना नहीं है, बल्कि यह जनजातीय समाज की शिक्षा, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा में सुधार लाने का भी एक प्रयास है। मोदी सरकार ने जनजातीय समुदाय के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनसे इन समुदायों के जीवन स्तर में सुधार हो सके।

विकास की दिशा में कदम

प्रधानमंत्री मोदी ने जनजातीय समुदाय के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कई महत्वपूर्ण कदमों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने न केवल जनजातीय समुदाय के अधिकारों की रक्षा की है, बल्कि उनके समग्र विकास के लिए कई योजनाएं भी चलाई हैं।

उन्होंने विशेष रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्रों में किए गए सुधारों का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने जनजातीय समाज के लिए अधिक संसाधन और बजट उपलब्ध कराया है, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन हो सके। उन्होंने जनजातीय समुदाय के लिए कई नई योजनाओं की शुरुआत की है, जो उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जमुई दौरा न केवल जनजातीय गौरव दिवस के रूप में याद किया जाएगा, बल्कि यह उनके नेतृत्व और जनजातीय समाज के लिए किए गए कार्यों का प्रतीक भी बन गया है। पीएम मोदी ने जिस सहजता और सादगी से जनजातीय समुदाय के लोगों से जुड़ाव दिखाया, वह एक प्रेरणा का स्रोत है। उनकी सरकार का उद्देश्य भारतीय जनजातीय समाज को उनके अधिकार और सम्मान प्रदान करना है, जिससे उनका जीवन बेहतर हो सके। पीएम मोदी की सेल्फी ने यह साबित कर दिया कि वह जनजातीय समाज के साथ एक मजबूत और सहानुभूतिपूर्ण संबंध बनाए हुए हैं, और उनकी सरकार उनके उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है।

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